उद्वोधन गीत -09-Dec-2022

प्रतियोगिता
विषय स्वैच्छिक
विधा  गीत


कर ना सको गर कभी भला तो ,
            डरना सदा बुराई से । 
अगर जीतना दिल है किसी का, 
            जीतो सदा भलाई से ।।
1
अगर सत्य ना बोल सको तो, 
        झूठ कभी भी मत बोलो। 
मीठा गर ना बोल सको तो ,
          बाणी से बिष मत घोलो। 
परनिंदा से दूर रहो और ,
             रहिए दूर लड़ाई से। 
2
दीपक बनकर जलो विश्व में, 
          अंधकार को दूर करो। 
दिया दान जो दीनदयालु, 
      उस पर नहीं गरूर करो। 
पर संपत से दूर-दूर और, 
       रहिये नार पराई से।
3
धर्मवीर गंभीर बनो तुम, 
         नहीं दुष्ट बेईमान बनो। 
 आये हो गर इस दुनिया में ,
       कम से कम इंसान बनो। 
पार नहीं पा सकते प्यारे ,
      प्रभु की परम प्रभुताई से। 
4
पद पाकर के मद ना करना ,
       धन पाकर के दान करो । 
सतसंगत कर सदा विनोदी, 
        संतों का सम्मान करो। 
दिल की बातें हो दिलबर से, 
       या फिर कृष्ण कन्हाई से। 

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4 Comments

Gunjan Kamal

17-Dec-2022 05:45 PM

शानदार

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Pranali shrivastava

10-Dec-2022 07:54 PM

बहुत खूब

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